खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सांप के एक रेस्क्यू का हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। यहां एक रोजगार सहायक ने कुएं में गिरे सांप को निकाला है। यह सांप करीब 5 दिन से कुएं में था। कुएं से सांप का रेस्क्यू करने के लिए अनोखा तरीका निकाला गया। झाड़ियों का बिछौना तैयार कर उसे रस्सी में बांधा गया और फिर कुएं में डालकर सांप को बाहर निकाला गया।
5 दिन से कुएं में था जहरीला सांप
मामला खरगोन जिले के देवली गांव का है। यहां के एक कुएं में 5 दिन से एक जहरीला सांप तैर रहा था। वह बाहर निकलने की कोशिश करता था लेकिन निकल नहीं पा रहा था। जानकारी के अनुसार, यह कुंआ गांव के रोजगार सहायक धर्मेंद्र पवार के खेत में है। धर्मेंद्र पवार की खेती देखने वाले साझेदार ने बताया कि कुएं में सांप है। उसे निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह निकला नहीं। जिसके बाद से साझेदार शांतिलाल डरा हुआ था।
सर्पमित्र को बुलाकर किया रेस्क्यू
इसके बाद रादगार सहायक ने सांप को कुएं से निकालने के लिए सर्प मित्र छतर नागराज को बुलाया। छतर नागराज ने बताया कि दरअसल सांप मरणासन्न स्थिति में था। किसी भी बर्तन, लकड़ी या उपकरण में बैठकर ऊपर आने की जुगाड़ नहीं जम रहा था इसके बाद उसे जाल में फंसाने के लिए कटीली झाड़ियों का एक बिछौना तैयार किया गया। लकड़ी के जाल को कुएं में उतारा गया।
पानी निकालने में लग रहा था डर
सांप पहले तो उसमें से निकाल कर फिर से पानी में गिर गया। लेकिन बाद में उसे रेस्क्यू कर लिया गया। दरअसल उसे झाड़ियों की लकड़ी के बिछौने में अपनी सेफ्टी महसूस हो रही थी। ग्रामीण शांतिलाल तिरोले ने बताया कि उसे कुएं से बाहर निकाल कर जंगल में आजाद कर दिया गया। उसने बताया कि कुएं में सांप होने के चलते पानी निकालने के दौरान उसे यह डर बना रहता था कि कहीं बाल्टी में बैठकर सांप बाहर न निकल जाए।
5 दिन से कुएं में था जहरीला सांप
मामला खरगोन जिले के देवली गांव का है। यहां के एक कुएं में 5 दिन से एक जहरीला सांप तैर रहा था। वह बाहर निकलने की कोशिश करता था लेकिन निकल नहीं पा रहा था। जानकारी के अनुसार, यह कुंआ गांव के रोजगार सहायक धर्मेंद्र पवार के खेत में है। धर्मेंद्र पवार की खेती देखने वाले साझेदार ने बताया कि कुएं में सांप है। उसे निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन वह निकला नहीं। जिसके बाद से साझेदार शांतिलाल डरा हुआ था।
सर्पमित्र को बुलाकर किया रेस्क्यू
इसके बाद रादगार सहायक ने सांप को कुएं से निकालने के लिए सर्प मित्र छतर नागराज को बुलाया। छतर नागराज ने बताया कि दरअसल सांप मरणासन्न स्थिति में था। किसी भी बर्तन, लकड़ी या उपकरण में बैठकर ऊपर आने की जुगाड़ नहीं जम रहा था इसके बाद उसे जाल में फंसाने के लिए कटीली झाड़ियों का एक बिछौना तैयार किया गया। लकड़ी के जाल को कुएं में उतारा गया।
पानी निकालने में लग रहा था डर
सांप पहले तो उसमें से निकाल कर फिर से पानी में गिर गया। लेकिन बाद में उसे रेस्क्यू कर लिया गया। दरअसल उसे झाड़ियों की लकड़ी के बिछौने में अपनी सेफ्टी महसूस हो रही थी। ग्रामीण शांतिलाल तिरोले ने बताया कि उसे कुएं से बाहर निकाल कर जंगल में आजाद कर दिया गया। उसने बताया कि कुएं में सांप होने के चलते पानी निकालने के दौरान उसे यह डर बना रहता था कि कहीं बाल्टी में बैठकर सांप बाहर न निकल जाए।
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