पटना: 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के टिकट पर आरा से हारने के बाद से ही आरके सिंह रह रहकर बड़े बयान दे रहे हैं। बीजेपी आलाकमान से मतभेद की खबरों के बीच अब आरके सिंह ने नीतीश कुमार सरकार पर बड़ा आरोप लगा दिया है। आरके सिंह के मुताबिक बिहार के खजाने को 62 हजार करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है।
आरके सिंह का '62 हजार करोड़' वाला आरोप
आरके सिंह ने अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा भागलपुर में एक थर्मल प्लांट के ठेके में राज्य के खजाने को 62,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में आरके सिंह ने कहा कि जब वे ऊर्जा मंत्री थे, तब उन्होंने उद्योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर यह तय किया था कि भागलपुर में 2,400 मेगावाट की पीरपैंती बिजली परियोजना लगभग 24,900 करोड़ रुपये की है, जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट है।
आरके सिंह का आरोप जानिए
आरके सिंह आगे कहा, 'मुझे पता चला कि यह बिजली परियोजना 15 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की निश्चित पूंजी लागत पर दी जा रही है... 10 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की पूंजी लागत के आधार पर प्रति यूनिट बिजली की कीमत लगभग 2.75 रुपये प्रति यूनिट आती है, लेकिन हम बिजली कंपनी को 4.16 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करने पर सहमत हुए हैं। अतिरिक्त भुगतान सालाना लगभग 2,500 करोड़ रुपये होगा। चूंकि यह समझौता 25 वर्षों के लिए है, इसलिए राज्य के खजाने को अनुमानित नुकसान लगभग 62,000 करोड़ रुपये होगा।'
परियोजना की समीक्षा की जरुरत- आरके सिंह
पूर्व भाजपा सांसद और IAS राजकुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को नीतीश सरकार के सामने उठाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं गलत हूं, तो उन्हें मुझे सही करने दीजिए। लेकिन सात साल तक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के रूप में अपने अनुभव के आधार पर, मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि इस परियोजना की समीक्षा की जरूरत है।'
सारे आरोप गलतफहमी फैलाने वाले- अडानी पावर
बुधवार को जारी एक बयान में, पीरपैंती परियोजना का ठेका पाने वाली कंपनी, अडानी पावर ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि ये परियोजना के इतिहास और बिहार सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया, दोनों के बारे में गलतफहमी फैलाने के लिए है।' अडानी पावर ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनावी तौर पर निराश कुछ लोग और राजनीतिक हित एक झूठे और निराधार बयान को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।' अखबार के अनुसार बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कई प्रयासों के बावजूद फोन कॉल या टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया।
आरके सिंह का '62 हजार करोड़' वाला आरोप
आरके सिंह ने अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा भागलपुर में एक थर्मल प्लांट के ठेके में राज्य के खजाने को 62,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में आरके सिंह ने कहा कि जब वे ऊर्जा मंत्री थे, तब उन्होंने उद्योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर यह तय किया था कि भागलपुर में 2,400 मेगावाट की पीरपैंती बिजली परियोजना लगभग 24,900 करोड़ रुपये की है, जिसकी अनुमानित लागत 10 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट है।
आरके सिंह का आरोप जानिए
आरके सिंह आगे कहा, 'मुझे पता चला कि यह बिजली परियोजना 15 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की निश्चित पूंजी लागत पर दी जा रही है... 10 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की पूंजी लागत के आधार पर प्रति यूनिट बिजली की कीमत लगभग 2.75 रुपये प्रति यूनिट आती है, लेकिन हम बिजली कंपनी को 4.16 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करने पर सहमत हुए हैं। अतिरिक्त भुगतान सालाना लगभग 2,500 करोड़ रुपये होगा। चूंकि यह समझौता 25 वर्षों के लिए है, इसलिए राज्य के खजाने को अनुमानित नुकसान लगभग 62,000 करोड़ रुपये होगा।'
परियोजना की समीक्षा की जरुरत- आरके सिंह
पूर्व भाजपा सांसद और IAS राजकुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को नीतीश सरकार के सामने उठाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं गलत हूं, तो उन्हें मुझे सही करने दीजिए। लेकिन सात साल तक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के रूप में अपने अनुभव के आधार पर, मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि इस परियोजना की समीक्षा की जरूरत है।'
सारे आरोप गलतफहमी फैलाने वाले- अडानी पावर
बुधवार को जारी एक बयान में, पीरपैंती परियोजना का ठेका पाने वाली कंपनी, अडानी पावर ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि ये परियोजना के इतिहास और बिहार सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया, दोनों के बारे में गलतफहमी फैलाने के लिए है।' अडानी पावर ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनावी तौर पर निराश कुछ लोग और राजनीतिक हित एक झूठे और निराधार बयान को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।' अखबार के अनुसार बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कई प्रयासों के बावजूद फोन कॉल या टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं दिया।
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