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सपा विधायक पर क्यों भड़के रिक्शा वाले? संभल में इकबाल महमूद के बयान पर कांग्रेसी नेता ने किया अनोखा प्रदर्शन

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सुनील मिश्रा, संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में सपा विधायक इकबाल महमूद के बयान के बाद बखेड़ा शुरू हो गया। रविवार को एक कांग्रेसी नेता ने ई-रिक्शा वालों के साथ अनोखा विरोध जताया है। वहीं कुछ ई-रिक्शा वालों ने हाथ में पोस्टर लिए जिसपर लिखा था कि रिक्शा वालों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।

आइए जानते हैं पूरा मामला क्या था:
दरअसल संभल के सदर विधायक इकबाल महमूद के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने हाल-फिलहाल में पत्रकारों से बातचीत की तभी सदर विधायक इकबाल महमूद से जब पत्रकारों ने सवाल किए तब उन्होंने उनके जबाव देते हुए कहा था कि वह अपने बेटे सुहैल इकबाल को आगामी चुनाव में आवाम की इच्छा पर चुनावी मैदान में उतारंगे। जब पत्रकारों ने उनसे ये सवाल किया कि क्या ये परिवाद नहीं है। इसका जबाव देते हुए इकबाल बोले कि जज का बेटा जज, डाॅक्टर का डाॅक्टर,इंजीनियर का बेटा इंजीनियर बन जाता और रिक्शा चलाने वाले का बेटा रिक्शा चलाता है। इसे परिवारवाद कहना सरासर गलत है।

विधायक इकबाल महमूद के इस बयान के बाद अब बखेड़ा खड़ा हो गया। कांग्रेसी नेता ने उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये बयान सपा विधायक का मेहनतकश वर्ग का अपमान है। कांग्रेसी नेता ने रविवार को अपने आवास से लेकर चौधरी सराय तक खुद रिक्शा चलाकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि सदर विधायक का ये बयान गरीब और श्रमिक वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।


उन्होंने कहा कि रिक्शा चलाना कोई नीच काम नहीं है। बल्कि मेहनत और ईमानदारी से पेट पालने का जरिया है। आज देश के प्रधानमंत्री खुद बताते है कि वो चाय बेचते थे और वें आज पीएम है।ऐसे संभल से ही अनेक उदाहरण मिल जाएंगे कि जो बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर रहे और मेहनत कर अफसर बन गए। विधायक इकबाल महमूद को अपने शब्दों पर माफी मांगना चाहिए।


उन्होंने कहा कि देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां गरीब परिवारों से निकलकर बच्चों ने मेहनत और लगन के बल पर नई ऊंचाईयां हासिल की है। किसी को ये अधिकार नहीं कि वह गरीब या रिक्शा चलाने वालों की तुलना अपने राजनीतिक परिवारवाद से करे। विरोध प्रदर्शन के बीच कांगेस कार्यकर्ताओं ने रिक्शा वालों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान,मेहनत करने वालों का सम्मान करो। जैसे नारे लगाए गए और हाथ में पोस्टर लिए ये स्लोगन दिखाए।

कांग्रेसी नेता और 33 विधान सभा क्षेत्र से संभावित प्रत्याशी मुशीर खां तरीन के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया उन्होंने ये भी कहा कि वो इस विरोध प्रदर्शन के जरिए समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि किसी भी पेशे को छोटा नहीं समझना चाहिए। आगे तंज कसते हुए कहा कि सदर विधायक को शायद याद नहीं कि जिन गरीबों की मेहनत से ये शहर और देश चलता है। वहीं असली जनसेवक है। राजनीति सेवाभाव का माध्यम है। न कि परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का जरिया।

कांग्रेसी नेता का ये विरोध प्रदर्शन दिनभर तरह-तरह की चर्चाओं का केंद्र बना रहा। कई लोगों ने उनके इस कदम को प्रतीकात्मक विरोध करार दिया। जबकि कुछ ने पब्लिसिटी स्टंट भी बताया फिर भी इस अनोखे प्रदर्शन ने सदर विधायक के बयान को लेकर जनता में नई बहस का मुद्दा बना दिया है।
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