उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बीच यातायात और कनेक्टिविटी को नई दिशा देने वाला गंगा एक्सप्रेसवे तेजी से अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 518 गांवों को जोड़ती है, बल्कि दिल्ली की ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या को भी कम करने में सहायक होगी। यह एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसे भारत के सबसे बड़े सड़क विकास प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा है।
गंगा एक्सप्रेसवे की प्रमुख जानकारी:
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लंबाई: 594 किलोमीटर
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कुल लागत: ₹36,230 करोड़
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कवरेज: यूपी के 12 जिले और 518 गांव
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शुरुआत: बिजौली गांव, मेरठ-बुलंदशहर हाईवे
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अंत: जुदापुर दादू गांव, प्रयागराज (NH-19)
12 जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे:
मेरठ
हापुड़
बुलंदशहर
अमरोहा
संभल
बदायूं
शाहजहांपुर
हरदोई
उन्नाव
रायबरेली
प्रतापगढ़
प्रयागराज
90% निर्माण कार्य पूरा
गंगा एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और उम्मीद की जा रही है कि इसे जल्द ही यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। निर्माण में कई अहम ढांचागत पहलुओं को भी जोड़ा गया है, जैसे कि सोनिक स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर स्टील गर्डर लगाने का काम अंतिम चरण में है।
गति और संरचना:
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अधिकतम गति सीमा: 120 किमी प्रति घंटा
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7467 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण
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वर्तमान में 6 लेन, भविष्य में 8 लेन तक विस्तार की योजना
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126 छोटे पुल, 381 अंडरपास, 28 फ्लाईओवर बनाए गए हैं
सुरक्षा और सुविधाएं:
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9 स्थानों पर जन सुविधा परिसर विकसित किए जाएंगे
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प्रयागराज और मेरठ में मुख्य टोल प्लाजा
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15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा
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शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी, जहां आपातकालीन स्थिति में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर उतारे जा सकेंगे
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