News India Live, Digital Desk: Overthinking disease : आजकल कई लोगों में ओवरथिंद की समस्या देखने को मिल रही है. ये वो गंभीर समस्या होती है. जब कोई व्यक्ति किसी चीज के बारें में कुछ ज्यादा ही सोच लेता है. ऐसे लोग किसी भी चीज को लेकर हमेशा नेगेटिव ही ख्याल रखते हैं. अगर उनके साथ किसी कोई घटना घट जाती है या कुछ उन्हें बोल दिया जाता है तो वो उसके बारे में इतना ओवरथिंक करते हैं उनकी रातों की नींद तक उड़ जाती है. साथ ही उनकी लाइफ भी इससे काफी डिसटर्ब हो जाती है.
सिर्फ इतना ही नहीं यही वो गंभीर समस्या है जब लोग ओवरथिंक करते-करते डिप्रेशन, एंग्जाइटी और पैनिक अटैक जैसी समस्याओं से घिर जाते हैं. जिससे सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. अगर आप भी ओवरथिंक करते हैं तो इसे कंट्रोल करने की जरूरत है. ये कोई बिमारी नहीं बल्कि एक बुरी आदात है. इसलिए इसकी कोई दवाई नहीं. लेकिन आप 5 आसान काम करके इसे कंट्रोल कर सकते हैं. चलिए जानते हैं ओवरथिंक को कंट्रोल करने के 5 तरीके.
1. मेडिटेशन करेंरने के लिए एक असरदार एक्सराइज है. इससे माइंड फ्रेश होता है और नेगेटिव बातों से भी ध्यान हटता है. अगर आप भी ओवरथिंक करते हैं तो आपको अपनी डेली लाइफ में मेडिटेशन एड करना होगा. इसे रोजाना करने से आपका माइंड फ्रेश होगा और बेकार की बातों से दिमाग डिस्ट्रेक भी होगा. साथ ही आपको स्ट्रेस भी दूर करने में मदद करेगा.
2ओवरथिंकिंग आपको मेंटली और फिजिकली दोनों तरह से नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. इसके लिए जब भी आपके दिमाग ओवरथिंक करने लगे को एक शांत जगह पर बैठ कर गहरी सांस लें. ये दिमाग को डिस्ट्रैक करेगा और स्ट्रेस दूर करने में भी हेल्प करेगा.
3. खुद को बिजी रखेंअक्सर लोग खाली बैठकर फालतू की बातों को सोचने लगते हैं. बस यही आगे चल कर ओवरथिंद में तब्दील हो जाती है. ऐसे में जितना हो सके खुद को बिजी रखें. कहीं बार जाएं, दोस्तों और फैमिली से मिलें. या कोई न कोई काम करते हैं. जिससे माइंड डिस्ट्रैक्ट हो सके.
4. ट्रिगर प्वाइंट को समझेंहर किसी का कोई न कोई ट्रिगर प्वाइंट होता है. ऐसे में अपने ट्रिगर प्वाइंट को समझे. जैसे कि आपको कौन सी चीज या हरकत ज्यादा परेशान करती है. इसके बाद उस व्यक्ति या चीज से दूर रहें तो आपको परेशान करता है. खुद को पॉजिटिव इंवोर्मेंट में रखें और एंजॉय करें.
5. पर्फेक्शनिज्म पर फोकस कम करेंकुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हर चीज परफेक्ट चाहिए होती है और जब कुछ चीज परफेक्ट न हो पाएं तो वो उसी के बारे में सोचने लग जाते हैं. इसलिए कभी भी पर्फेक्शनिज्म पर फोकस न करें. कुछ गलतियां होनें दे क्योंकि गलतियों से ही इंसान सीखता है.
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