आजकल की जिंदगी एक रेस की तरह हो गई है। ऑफिस का काम,घर की जिम्मेदारियां,सोशल लाइफ... इस भागदौड़ में हम इतना थक जाते हैं कि लगता है बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाएगी। लेकिन होता इसका ठीक उलटा है। शरीर तो थककर चूर हो चुका होता है,पर दिमाग है कि दौड़ना बंद ही नहीं करता। अगले दिन की मीटिंग,बच्चों की फीस,घर का राशन... हजारों बातें दिमाग में घूमती रहती हैं और नींद आंखों से कोसों दूर चली जाती है।अगर यह कहानी आपकी भी है,तो आप अकेले नहीं हैं। यहBusy Lifestyleका सबसे आम साइड इफेक्ट है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आपको नींद की गोलियों की जरूरत नहीं है। बस अपनी आदतों में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप एक गहरी और सुकून भरी नींद पा सकते हैं।1.बिस्तर पर जाने से30मिनट पहले‘डिजिटल कर्फ्यू’यह सबसे जरूरी और सबसे मुश्किल नियम है। सोने से ठीक पहले तक मोबाइल पर रील स्क्रॉल करना या लेटकर टीवी देखना आपकी नींद का सबसे बड़ा दुश्मन है।क्यों?स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light)आपके दिमाग को यह सिग्नल देती है कि अभी दिन है और सोने का समय नहीं हुआ है। इससे नींद लाने वाला हॉर्मोन (मेलाटोनिन) बनना बंद हो जाता है।क्या करें?सोने से कम से कम30मिनट पहले अपने फोन,लैपटॉप और टीवी को‘गुड नाइट’बोल दें।2. ‘ब्रेन-डंप’टेक्नीक अपनाएंआपका दिमाग इसीलिए शांत नहीं हो पाता क्योंकि उसे डर है कि कहीं वह अगले दिन के जरूरी काम भूल न जाए।क्या करें?अपने बिस्तर के पास एक डायरी और पेन रखें। सोने से ठीक पहले,अगले दिन आपको जो भी काम करने हैं या जिस भी बात की चिंता है,उसे उस डायरी में लिख लें। इसे‘ब्रेन-डंप’ यानी दिमाग का कचरा बाहर निकालना कहते हैं। एक बार जब आप सब कुछ लिख लेते हैं,तो आपका दिमाग रिलैक्स हो जाता है कि अब कुछ भूलने का डर नहीं है।3.गर्म पानी से नहाने का जादूदिन भर की थकान और तनाव को मिटाने के लिए यह एक अचूक उपाय है।क्यों?सोने से करीब एक घंटा पहले गर्म पानी से नहाने से आपकी मांसपेशियों को आराम मिलता है। साथ ही,जब आप नहाकर ठंडे कमरे में आते हैं,तो आपके शरीर का तापमान गिरता है, जो दिमाग को नींद का सिग्नल देता है।4.डिनर करें‘राजा’ की तरह नहीं, ‘भिखारी’ की तरहयह एक पुरानी कहावत है जो नींद के लिए100%सही है।क्या करें?अपना रात का खाना सोने से कम से कम2-3 घंटे पहले खा लें और इसे जितना हो सके हल्का रखें। भारी,तला हुआ खाना या चाय-कॉफी जैसी चीजें आपके पाचन तंत्र और दिमाग,दोनों को रात भर जगाए रखती हैं।5.सोने और जागने का एक टाइम फिक्स करेंहमारी बॉडी एक घड़ी की तरह काम करती है।क्या करें?कोशिश करें कि आप रोज,यहां तक कि छुट्टियों में भी,लगभग एक ही समय पर सोएं और जागें। इससे आपके शरीर की‘अंदरूनी घड़ी’ (Body Clock)सेट हो जाती है और आपको अपने आप ही सही समय पर नींद आने लगती है।याद रखिए,नींद कोई लग्जरी नहीं,बल्कि आपके दिमाग और शरीर के लिए सबसे जरूरी‘रिपेयर टाइम’है। यह एक छोटा सा निवेश है जो आपको अगले दिन ज्यादा एनर्जी और खुशी देगा।
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