World Asthma Day 2025: आज की तेज़ भागती दुनिया में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। लेकिन यही मोबाइल अब हमारी सेहत के लिए खतरा भी बन रहा है। विशेष रूप से, देर रात तक रील देखने की आदत से नींद प्रभावित हो रही है, जिससे स्लीप डिस्ऑर्डर (Sleep Disorder) का खतरा बढ़ रहा है। विश्व अस्थमा दिवस 2025 (World Asthma Day 2025) पर यह जानना आवश्यक है कि नींद की कमी से अस्थमा (Asthma) जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कैसे बढ़ता है।
सोशल मीडिया पर देर तक रील देखते रहने से नींद की गुणवत्ता खराब हो रही है। डॉक्टर्स के अनुसार, देर रात तक मोबाइल स्क्रीन देखने से हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन की कमी होती है, जो अच्छी नींद के लिए आवश्यक है। इससे धीरे-धीरे स्लीप डिस्ऑर्डर विकसित हो जाता है।
स्लीप डिस्ऑर्डर और अस्थमास्लीप डिस्ऑर्डर की स्थिति में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है, जिससे श्वसन प्रणाली (Respiratory System) पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में अस्थमा के लक्षण उभरने लगते हैं। नींद पूरी न होने से श्वास नली में सूजन (Inflammation) की समस्या बढ़ जाती है, जो अस्थमा के अटैक की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है।
अस्थमा से बचाव के तरीकेअगर लगातार नींद की समस्या बनी रहती है या सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है, तो बिना देरी डॉक्टर से सलाह लें।
You may also like
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों मॉक ड्रिल की व्यापक तैयारी, सुरक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट
भारत में 2032 तक सड़कों पर 123 मिलियन ईवी होने का अनुमान : रिपोर्ट
पहलगाम हमले पर सपा नेता की टिप्पणी से मचा सियासी घमासान, योगी सरकार के मंत्रियों ने साधा निशाना
तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया की भारत के सामने क्या है औकात? पाकिस्तान को समर्थन दे चुके हैं ये देश
खुद ट्रेन में चढ़ गए अब दूसरों को डिब्बे में नहीं घुसने देंगे... आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट जज ने सुना दी खरी-खरी