रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी युद्ध को खत्म करने के लिए एक संभावित शांति समझौते की चर्चा जोरों पर है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका इस समझौते के हिस्से के रूप में क्रीमिया पर रूस के नियंत्रण को स्वीकार करने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी प्रस्तावित रूपरेखा से परिचित एक अधिकारी के हवाले से दी गई है।
शांति प्रस्ताव में दोनों देशों के बीच तत्काल युद्धविराम का सुझाव दिया गया है। यह रूपरेखा पेरिस में यूक्रेनी और यूरोपीय अधिकारियों के साथ साझा की गई।
अमेरिकी और रूसी विदेश मंत्रियों के बीच वार्तासीएनएन ने बताया कि इस प्रस्ताव को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है। हालांकि, अभी भी कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर सहमति बननी बाकी है। अमेरिका अगले सप्ताह लंदन में यूक्रेन और यूरोपीय प्रतिनिधियों के साथ इस प्रस्ताव को और परिष्कृत करने की योजना बना रहा है।
गौरतलब है कि 2014 में रूस ने सैन्य कार्रवाई के जरिए क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अवैध घोषित किया था। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बार-बार क्रीमिया पर किसी भी तरह की रियायत से इनकार किया है।
ट्रंप ने दी शांति वार्ता छोड़ने की चेतावनीइस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर कोई भी पक्ष बातचीत को अत्यधिक जटिल बनाता है, तो अमेरिका इस प्रक्रिया से पीछे हट सकता है। उन्होंने कहा, “अगर दोनों में से कोई पक्ष इसे बहुत कठिन बना देता है, तो हम बस यही कहेंगे – आप मूर्ख हैं – और इसे छोड़ देंगे।”
हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें शांति समझौते की सफलता की उम्मीद है। उन्होंने इसे एक अहम मोड़ करार देते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास इसे पूरा करने का अच्छा मौका है। यह अभी अपने चरम पर पहुंच रहा है।”
रुबियो ने जताई जल्द निर्णय की जरूरतपेरिस में यूरोपीय, रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी जल्द निर्णय लेने पर बल दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हमें अब बहुत जल्दी निर्णय लेना होगा – कुछ ही दिनों के भीतर – कि क्या यह समाधान संभव है या नहीं।”
अमेरिका के प्रयासों को नहीं मिल रहा समर्थन: ट्रंपव्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि शांति वार्ता अब एक अहम स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन रूस और यूक्रेन में से कोई भी अमेरिका के प्रयासों का सक्रिय समर्थन नहीं कर रहा। उन्होंने यह भी साफ किया कि उन्हें नहीं लगता कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जानबूझकर बातचीत में देरी कर रहे हैं।
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