महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग देश में हजारों सालों से होता आ रहा है। कई लोग गंभीर बीमारियों में जान बचाने के लिए इस मंत्र का जाप करते हैं। अब तक इसे लोगों की आस्था से जोड़ा जाता रहा है। अब यह पता लगाने के लिए कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मंत्र स्वास्थ्य के लिए कितना कारगर है, केंद्र सरकार के आरएमएल अस्पताल (राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल) में करीब चार साल से शोध चल रहा है। यह शोध अपने अंतिम चरण में है। इस शोध के अब तक के नतीजों से डॉक्टर उत्साहित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। एक-दो महीने में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, जिसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी ने भी यहां के डॉक्टरों से संपर्क कर इस शोध से जुड़ने की इच्छा जताई है। आरएमएल अस्पताल में यह शोध गंभीर ब्रेन इंजरी वाले मरीजों पर किया गया है। इस पर साल 2016 में शोध शुरू हुआ था। आस्था या विज्ञान, यह अब पता चलेगा अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. अजय चौधरी के नेतृत्व में यह शोध चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में लोग इस मंत्र को जीवन रक्षक के रूप में प्रयोग करते हैं। यह सिर्फ मान्यता है या विज्ञान से जुड़ा है, इस पर शोध हो रहे हैं। देश में ऐसे मंत्रों पर कम शोध हुए हैं, लेकिन विदेशों में इस पर काफी काम हो रहा है।
उपवास से कई गंभीर बीमारियां ठीक होती हैं
उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से लोग खास मौकों पर उपवास करते आ रहे हैं। इस पर देश में कोई शोध भी नहीं हुआ है। जबकि 2016 में चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले जापान के डॉक्टर ने उपवास पर शोध किया था। शोध में पता चला कि उपवास से शरीर के अंदर कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
ब्रेन इंजरी के 40 मरीजों पर अध्ययन
वहीं, डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि आरएमएल अस्पताल में चल रहे शोध के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने फंड जारी कर दिया है। यह अध्ययन ब्रेन इंजरी के 40 मरीजों पर किया जा रहा है। इन मरीजों को 20-20 के दो समूहों में बांटा गया। एक समूह के मरीजों को प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित उपचार दिया गया। दूसरे समूह के मरीजों को इलाज के साथ-साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कराया गया। यह आईसीयू के बाहर पुनर्वास के दौरान किया गया। शुरुआत में यह पूरी प्रक्रिया अस्पताल में ही हुई। बाद में कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया स्थित संस्कृत विद्यापीठ को इस शोध में शामिल किया गया और मरीजों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया गया।
गायत्री मंत्र से बढ़ती है बौद्धिक क्षमता
एम्स में गायत्री मंत्र पर शोध किया गया है। यह शोध एम्स के एक डॉक्टर और आईआईटी के एक वैज्ञानिक ने मिलकर किया है। जिसमें पाया गया कि गायत्री मंत्र के जाप से बौद्धिक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। शोध के दौरान डॉक्टरों ने एमआरआई जांच के जरिए मंत्र के जाप से मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव का भी अध्ययन किया। शोध में पाया गया है कि गायत्री मंत्र के जाप से मस्तिष्क के अच्छे हार्मोन बढ़ते हैं, जिससे बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है। शिव को मृत्युंजय के रूप में समर्पित यह महामंत्र ऋग्वेद में मिलता है। शास्त्रों में माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र एक चमत्कारी और शक्तिशाली मंत्र है। यह जीवन की कई समस्याओं को हल करने में सहायक है। अगर मन में आस्था हो तो इससे कठिन से कठिन समस्या भी हल हो जाती है। ग्रहों की शांति में भी इसकी अहम भूमिका होती है। चूंकि हमारा जीवन नौ ग्रहों की चाल से प्रभावित होता है, इसलिए अगर किसी ग्रह का दोष जीवन में बाधा उत्पन्न कर रहा है तो यह मंत्र उस दोष को दूर करता है। मंत्र जाप की विधि महामृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख और लघु मृत्युंजय मंत्र का 11 लाख होता है। इस मंत्र का जाप सोमवार को रुद्राक्ष की माला से शुरू किया जाता है। जाप सुबह 12 बजे से पहले करना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि दोपहर 12 बजे के बाद इस मंत्र का जाप करने से फल नहीं मिलता। अगर अंत में हवन संभव हो तो यह सबसे अच्छा होता है। महामृत्युंजय या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप ग्रह बाधा, ग्रह पीड़ा, रोग, संपत्ति विवाद, धन हानि या हानि की संभावना, वर-वधू का मिलान, घर में कलह, दंड या सजा का भय, कोई धार्मिक अपराध तथा समस्त पापों के नाश के लिए किया जा सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
हम समस्त जगत के पालनहार त्रिनेत्रधारी शिव की आराधना करते हैं। जगत में सुगंध फैलाने वाले भगवान शिव हमें मोक्ष से नहीं, मृत्यु से मुक्त करें। इस मंत्र का विस्तृत अर्थ || हम भगवान शिव की आराधना करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर सांस में प्राण-शक्ति का संचार करते हैं, जो अपनी शक्ति से संपूर्ण ब्रह्मांड का पालन-पोषण करते हैं, उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें, ताकि हम मोक्ष प्राप्त कर सकें और जन्म-मृत्यु के बंधनों से हमेशा के लिए मुक्त हो सकें, तथा आपके चरणों का अमृत पीकर अपना शरीर त्यागकर आप में ही विलीन हो जाएं।
महामृत्युंजय मंत्र का प्रभाव
मेरे मतानुसार, महामृत्युंजय मंत्र शोक, मृत्यु भय, अनिश्चितता, रोग, दोष के प्रभाव को कम करने तथा पापों का नाश करने में बहुत लाभकारी है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना या करवाना सभी के लिए सदैव शुभ होता है, लेकिन अधिकतर यह देखा जाता है कि जब परिवार में कोई असाध्य रोग से ग्रसित हो या जब किसी बड़ी बीमारी से बचने की संभावना बहुत कम हो, तब लोग इस मंत्र का जाप करवाते हैं।मुख्यतः इसे जीवन रक्षक मंत्र कहा जाता है। यदि कोई व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है, जिसकी सड़क या उपकरणों से संबंधित दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसे वाहन चलाने में परेशानी होती है या जिसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, यदि वह सोमवार को यह उपाय करता है, तो उसे सभी बाधाओं को दूर करने वाले भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
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