Does stress damage brain cells: आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में तनाव हर इंसान के जीवन में रहता ही है. चाहे वो काम को लेकर हो या आपसी रिश्तों को लेकर, आर्थिक स्थिति के कारण या फिर लगातार बदलती लाइफस्टाइल. ये सब मिलकर दिमाग पर बोझ डालते हैं. थोड़ा बहुत स्ट्रेस कभी-कभार मोटिवेट भी करता है लेकिन हर दिन तनाव रहे तो इसका असर मानसिक और शारीरिक दोनों सेहत पर पड़ता है.
जीबी पंत अस्पताल के पूर्व न्यूरोसर्जन डॉ दलजीत सिंह बताते हैं कि लगातार स्ट्रेस लेने से दिमाग समय से पहले बूढ़ा हो सकता है. जब हम स्ट्रेस लेते हैं तो शरीर कॉर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज करता है. ये हार्मोन अलर्ट रहने और तात्कालिक हालातों से निपटने में मदद करता है, लेकिन अगर लंबे समय तक ज्यादा मात्रा मे तनाव बना रहे तो दिमाग की कोशिकाओं पर दबाव बढ़ने लगता है. जिसकी वजह से धीरे-धीरे हमारी याददाश्त, सीखने की क्षमता और सोचने-समझने की शक्ति को कमजोर होने लगती है.
अधिक तनाव से होता है भूलने की समस्या
ज्यादा स्ट्रेस से दिमाग के उस हिस्से पर असर पड़ता है जिसे हिप्पोकैम्पस कहते हैं. यही हिस्सा मेमोरी और इमोशन्स को संभालता है. लगातार तनाव झेलने से हिप्पोकैम्पस सिकुड़ने लगता है. इसी कारण से जो लोग लगातार तनाव में रहते हैं उनको भूलने की समस्या, चिड़चिड़ापन और भूलने की समस्या अधिक हो जाती है.
अधिक तनाव से डिमेंशिया का खतरा
जू इंसान लंबे समय से तनाव में रहता है तो एक तरह से उसका दिमाग ऑन मोड में रहता है. जैसे मशीन लगातार चलते पर भी थकती नहीं है लेकिन खराब जरूर हो सकती है. ऐसी ही स्थिति दिमाग के साथ भी रहती है जब दिमाग की नर्व्स थक कर कमजोर हो जाती है. यही वजह है कि ज्यादा स्ट्रेस लेने वाले लोगों में डिप्रेशन. एंग्जायटी और यहां तक कि डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है.
दिमाग पर लगातार तनाव के लक्षण
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
- नींद पूरी नहीं हो पाना
- हमेशा थकान महसूस होना
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- नकारात्मक सोच
- बार-बार डर चिंता और घबराहट होना.
- ये शुरुआती संकेत हैं कि स्ट्रेस आपके दिमाग पर असर डाल रहा है. ऐसे में इसे हल्के में लेना सही नहीं है.
स्ट्रेस से बचाव के लिए कुछ आसान आदतें
2) हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे वॉक या साइक्लिंग हैप्पी हार्मोन रिलीज करती है, जिससे तनाव कम होता है.
3) इसके अलावा 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद दिमाग को रिफ्रेश करने का सबसे अच्छा तरीका है.
4) हेल्दी डाइट भी उतनी ही जरूरी है. ओमेगा-3 फैटी एसिड, हरी सब्जियां, फल और नट्स दिमाग को ताकत देते हैं.
5) दोस्तों और परिवार से जुड़े रहना, पॉजिटिव बातचीत करना और मोबाइल या स्क्रीन टाइम कम करना भी स्ट्रेस कम करने में मददगार होता है.
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि स्ट्रेस को पूरी तरह से कम नहीं किया जा सकता लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है. ऐसे करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि लगातार स्ट्रेस सिर्फ मूड खराब नहीं करता बल्कि दिमाग की उम्र भी बढ़ा देता है. अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करके दिमाग को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाया जा सकता है.
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