– प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किय जा रहे हैं
देहरादून, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित करने के साथ ही नए योग एवं वेलनेस केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी सोमवार को ओल्ड राजपुर स्थित एक होटल में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के प्रोसेडिंग विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने आयुष विभाग की कॉफी टेबल बुक और विज्ञान भारती के विज्ञान विधार्थी मंथन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। इसके साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई लोगों को सम्मानित भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि देवभूमि उत्तराखंड 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का आयोजन किया गया। अब हम उस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृतियों और उपलब्धियों को संजोने के लिए प्रोसिडिंग का विमोचन कर रहे हैं। ये मात्र एक दस्तावेज नहीं बल्कि ज्ञान, अनुभव और गहन विचार-विमर्श का सार तत्व है, जो आने वाले वर्षों में आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान, नीति-निर्माण और जन स्वास्थ्य की दिशा तय करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो मार्ट के आयोजन के माध्यम से हम न केवल भारत में, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में यह संदेश देने में सफल रहे है कि आयुर्वेद की ओर से किस प्रकार उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने विज्ञान भारती के विज्ञान विद्यार्थी मंथन की सराहना करते हुए कहा कि ये न केवल हमारे युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, अनुसंधान की प्रवृत्ति और नवाचार की क्षमता को विकसित करने की एक सशक्त पहल है बल्कि भावी पीढ़ी को जिज्ञासु, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का एक व्यापक अभियान भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पर्वतीय अंचल में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय आज हमारे इस प्राचीन विज्ञान को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, जो उत्तराखंड में आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य के भीतर आयुष आधारित 300 से अधिक ’’आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’’ का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों की ओर से आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना कर रही है। प्रदेश में ’’उत्तराखंड आयुष नीति’’ को लागू करते हुए औषधि निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान की जा रही है। अब राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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