Next Story
Newszop

चिशोती नाले पर बना पुल लोगों के लिए जीवन रेखा: डॉ. प्रदीप ने सेना की त्वरित कार्रवाई की सराहना की

Send Push

जम्मू, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । किश्तवाड़ ज़िले में चिशोती नाले पर एक अस्थायी पुल का निर्माण तेज़ी से करके, विनाशकारी बादल फटने के बाद संपर्क से कटे स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करके, भारतीय सेना ने एक बार फिर इस अवसर पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है और साबित किया है कि वह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं, दोनों ही स्थितियों में देश के लोगों के लिए सबसे मज़बूत समर्थन स्तंभ के रूप में खड़ी है।

यह बात जम्मू-कश्मीर भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप महोत्रा ने कही, जिन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना ने अनुकरणीय प्रतिबद्धता, व्यावसायिकता और करुणा का परिचय दिया है।

डॉ. प्रदीप महोत्रा ने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोग भारतीय सेना की अद्वितीय सेवा और बलिदान के लिए सदैव ऋणी रहेंगे। ऐसे समय में जब क्षेत्र में निराशा छा गई थी, सेना की त्वरित प्रतिक्रिया एक जीवन रेखा बनकर उभरी। उनके समय पर हस्तक्षेप ने लोगों को बड़ी मुश्किलों से बचाया और जीवन व आशाओं को फिर से जोड़ा।

डॉ. प्रदीप ने याद दिलाया कि भारतीय सेना हमेशा से ही देश के साथ खड़ी रही है, चाहे वह आपदाएँ हों, संकट हों या युद्ध। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ऑपरेशन सिंदूर की हालिया सफलता ने दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर दिया है। और यहाँ फिर से, किश्तवाड़ में, उन्हीं बलों ने अपना मानवीय पक्ष प्रदर्शित किया है, यह साबित करते हुए कि उनकी ताकत केवल वीरता में ही नहीं, बल्कि लोगों की सेवा में भी निहित है।

बादल फटने से भारी बाढ़ आ गई, जिससे कई जानें चली गईं और संपर्क टूट गया। तात्कालिकता को समझते हुए, सेना की इंजीनियरिंग टीमों ने युद्धस्तर पर काम किया और रिकॉर्ड समय में पुल का निर्माण पूरा कर लिया, जिससे सुरक्षित आवाजाही बहाल हुई और आपूर्ति का प्रवाह सुनिश्चित हुआ।

डॉ. प्रदीप ने सेना के समर्पण की सराहना करते हुए कहा, भारतीय सेना पेशेवरता से कभी समझौता नहीं करती। उनकी हर कार्रवाई राष्ट्र के प्रति गहरी ज़िम्मेदारी और समर्पण की भावना को दर्शाती है। चाहे युद्धक्षेत्र हो या आपदाग्रस्त सुदूरतम क्षेत्र, सेना ने कभी भी राष्ट्र को निराश नहीं किया है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

Loving Newspoint? Download the app now