– अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में समीक्षा बैठक
जयपुर, 08 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक राहत एवं बचाव कार्यों के माध्यम से राज्य सरकार आमजन को हरसंभव मदद सुनिश्चित कर रही है। नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं को तेजी से सुचारू किया जा रहा है। उन्होंने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, नहरों, एनिकट तथा भवनों के मरम्मत के प्रस्तावों को तीन दिन में स्वीकृत करने के विशेष रूप से निर्देश दिए। साथ ही, इन स्वीकृत प्रस्तावों का कार्य 23 सितंबर तक प्रारंभ करने और क्षतिग्रस्त पक्के और कच्चे मकान की रिपोर्ट 2 दिन में प्राप्त कर तत्काल स्वीकृति जारी करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों से क्षतिग्रस्त सड़कों और भवनों के प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित भी करवाए जाएं।
शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जिला प्रभारी मंत्रीगण एवं जिला प्रभारी सचिवगण के साथ अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में 5 से 7 सितम्बर तक दौरा कर वापस आए मंत्रिगणों द्वारा धरातल की स्थिति और राहत तथा बचाव कार्यों पर दिए गए विस्तृत फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री ने दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी संवेदनशीलता के साथ जान-माल के नुकसान पर तत्परता के साथ सहायता उपलब्ध कराएं। चिकित्सा सेवाएं, खाद्य सामग्री की उपलब्धता सहित आवश्यक सेवाओं को निर्बाध और नियमित रखने और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने निचले इलाकों और जल भराव क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री व सचिव जिला कलेक्टर्स के साथ निरंतर संपर्क स्थापित कर बांधों की नियमित मॉनिटरिंग भी करें तथा समय पर गेट खुलवाकर पानी की निकासी सुनिश्चित करें।
फसल खराबे पर त्वरित सहायता के लिए 6 सदस्यीय समिति का होगा गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान पर राज्य सरकार किसानों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराबे की स्थिति में बिनी किसी देरी के आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, जिन स्थानों पर ऐप के माध्यम से गिरदावरी करने की समस्या आ रही है, वहां लोकेशन डिसेबल की जाए। मुख्यमंत्री ने कृषि, राजस्व और सहकारिता विभाग के मंत्रीगण और सचिवों (6 सदस्यीय) की कमेटी बनाने का सुझाव भी दिया, जो किसानों को फसल खराबे की उचित व समयबद्ध सहायता पर विशेष रूप से कार्य करें। साथ ही, यह कमेटी एडवाइजरी बनाने के साथ ही बीमा कंपनी तथा किसानों के बीच समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा तंत्र विकसित किया जाए, जिससे पानी का सभी क्षेत्रों में समान रूप से वितरण हो। ट्यूबवेल के माध्यम से पानी को रिचार्ज करने का सिस्टम भी विकसित हो। उन्होंने आवश्यकतानुसार बांध की ऊंचाई बढ़ाने और एनीकट के निर्माण पर विशेष जोर दिया।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री भास्कर आत्माराम सावंत ने प्रदेश में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों को लेकर प्रस्तुतीकरण देते हुए प्रगतिरत राहत और बचाव कार्यों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मानसून के दौरान 23 जिलों में असामान्य और 17 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। 10 हजार से अधिक रेस्टोरेशन कार्यों के लिए लगभग 211 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। अब तक 1159 लोगों को सकुशल बचाया गया है। उन्होंने बताया कि संभागीय मुख्यालय जिलों को 20 लाख तथा शेष जिलों को 10 लाख मानसून से पूर्व दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक संचालित होेने वाले सहकारिता सदस्यता अभियान के सुचारू संचालन के लिए सहकारिता विभाग फील्ड में पदस्थापित विभागीय अधिकारियों के साथ तैयारियों के संबंध में नियमित समीक्षा करें। इस अभियान में नवीन पैक्स का गठन, सदस्यता अभिवृद्धि, पीएम किसान सम्मान निधि योजना से वंचित लाभार्थी को जोड़ना, भूमि विहीन पैक्स हेतु भू-आवंटन कार्यवाही आदि जैसे कार्य किए जाएंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 9 से 29 सितम्बर तक की अवधि में व्यापक तैयारियां की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में एक भी ग्राम पंचायत सहकारिता से वंचित नहीं रहे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक शहरी सेवा शिविर और 17 सितम्बर से ग्रामीण सेवा शिविर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने शहरी सेवा शिविरों के क्रम में 4 से 13 सितम्बर तक आयोजित हो रहे प्री-कैंप को पूरी गंभीरता और तत्परता के साथ आयोजित करने के लिए निर्देशित किया। श्री शर्मा ने शहरी सेवा शिविर के अंतर्गत देय रियायतों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
शर्मा ने आगामी खेलो इण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2025 की तैयारियों एवं आयोजन के संबंध में विशेष कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ये खेल सात संभागीय जिला मुख्यालयों पर आयोजित किए जाएंगे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा, मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्य सचिव सुधांश पंत, प्रभारी सचिव तथा संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।—————
(Udaipur Kiran)
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