रांची, 28 अप्रैल . रांची में वर्षों से बंद बेकन फैक्टरी को पुनर्जीवित करने की आस फिर एक बार जगी है. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र इस बंद फैक्टरी में जान फूंकने में नॉलेज पार्टनर की भूमिका अदा कर सकता है. दरअसल ये आस झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की और विभागीय अधिकारियों के हैदराबाद दौरा के क्रम में जगी है .
सोमवार को मंत्री ने झारखंड के विभागीय अधिकारियों के साथ हैदराबाद के चेंगीचेर्ला स्थित राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र का दौरा किया. इस दौरान अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा भी हुई. देशभर में राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र के कार्य और उसके तकनीक को लेकर चर्चा होती है. बदलते समय के साथ इस अनुसंधान केंद्र ने नई तकनीक को अपनाने और आगे बढ़ने में कामयाबी हासिल की है. तेलंगाना सरकार के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि यहां आ कर बहुत कुछ समझने का मौका मिला. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र के अनुभव और तकनीक का उपयोग राज्य में बंद बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने में किया जा सकता है. इस केंद्र की उपयोगिता झारखंड के लिए एक नॉलेज पार्टनर के रूप में हो सकती है. इतना ही नहीं, झारखंड के पशुपालकों को समृद्ध करने में कौन सी योजना मददगार साबित होगी. इस पर भी लंबी चर्चा हुई है. भविष्य में राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र हैदराबाद के साथ बेहतर समन्वय बना कर इस दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केंद्र में हुई बैठक में झारखंड के विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी, प्रदीप कुमार हजारी, मत्स्य निदेशक एच एन द्विवेदी सहित तेलंगाना सरकार के अधिकारी मौजूद थे.
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/ विकाश कुमार पांडे
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