-देवी गीत “निमिया के डार मैया” पर श्रद्धालु हुए भावविभोर
वाराणसी, 14 अप्रैल . प्राचीन दशाश्वमेध घाट स्थित सिद्ध पीठ श्री बड़ी शीतला माता माई धाम में सोमवार शाम को माता रानी के रजत विग्रह का भव्य श्रृंगार कर महंत पं. शिव प्रसाद पांडेय के निर्देशन में षोडशोपचार विधि से पूजन संपन्न हुआ. पूजनोपरांत पं. अविनाश पांडेय ने वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच माता की आरती उतारी.
इसके बाद घाट पर पांच दिवसीय संगीत समारोह की चतुर्थ निशा में लोक व शास्त्रीय संगम की अनुपम छटा बिखरी. कलाकारों ने पारम्परिक पचरा और देवी गीतों के साथ मां शीतला के दरबार में सुर संगीत की गंगा बहाई. कलाकार मांडवी सिंह, शांभवी सेठ व श्रुति अनुकृति ने गंगा की कलरव लहरियों के बीच एक साथ देवी स्तुति “या देवी सर्वभूतेषु” तथा “जय जय जगजननि भवानी” पर तीन ताल में राधा-कृष्ण पर आधारित कथक भाव-नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी. इसके बाद भक्ति संगीत में पुनीत जेटली ‘पागल बाबा’, प्रिया गुप्ता, छोटू शुक्ला, धीरज तिवारी, राकेश तिवारी एवं अमलेश पांडेय ने देर शाम तक एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी.
कार्यक्रम का शुभारंभ तबला वादन में डॉ. संदीप केवल और बांसुरी पर सनी ज्ञावली द्वारा राग जोग झप ताल में देवी गीत “निमिया के डार मैया” की संगीतमयी प्रस्तुति से हुआ, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया.
इसके उपरांत मानस मर्मज्ञ पं. रमेश पांडेय ने हनुमान चालीसा का संकीर्तन पाठ किया और “श्री राम जय राम जय जय राम” तथा “हर हर महादेव” की सामूहिक प्रस्तुति पर घाट पर श्रद्धालु भी स्वर मिलाते रहे. गीत संगीत कार्यक्रम में गायक अमलेश शुक्ला व कृष्ण कुमार दुबे का महत्वपूर्ण सहयोग रहा, वहीं, लोक गायक गोविंद गोपाल ने भी अपनी सुमधुर आवाज़ में देवी गीत और पचरा गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
संगत में तबले पर गौरीश श्रीवास्तव, ढोलक पर मोतीलाल शर्मा, ऑक्टोपैड पर सनी विशाल, बैंजो पर विवेक और अन्य वादकों ने संगत की. कार्यक्रम में महंत परिवार द्वारा सभी कलाकारों को माता की चुनरी और प्रसाद भेंट कर सम्मानित किया गया.
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/ श्रीधर त्रिपाठी