बीकानेर, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . बोलो रे बोलो दुर्गा माई की जय…ढाक(ढोल) की थाप पर जयकारों के साथ थिरकते श्रद्धालु. गुलाल उड़ाते, झूमते गाते देवी भक्त. गुरुवार को यह नजारा शहर में साकार हुआ. अवसर था पांच दिनों से चल रहे दुर्गापूजा महोत्सव की पूर्णाहुति का. शहर में जगह-जगह स्थापित देवी प्रतिमाओं का साथ तालाबों पर विसर्जन किया गया. जयकारों के साथ दुर्गा प्रतिमाओं को लेकर श्रद्धालु जहां से भी गुजरे माहौल भक्तिमय हो गया. भक्तों ने भारी मन से देवी प्रतिमाओं को तालाबों में विसर्जन कर अगले वर्ष फिर से आने का आग्रह किया. शहरी क्षेत्र में देवीकुंड सागर व संसोलाव तालाब में प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया.
रानी बाजार स्थित बंगाली मंदिर में सुबह देवी प्रतिमाओं के विसर्जन से पहले विशेष-पूजा अर्चना की गई. बंगाली समाज की महिलाओं ने देवी माता के सिन्दूर अर्पण किया. बाद में एक-दूसरे चेहरे पर सिन्दूर लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की. देवी माता से परिवारजनों के लिए मंगल की कामना की. साथ ही अगले वर्ष फिर से आने का आग्रह किया. इससे पहले बंगाल से आए पंडित ने मंत्रों के साथ दर्पण विजर्सन कराया. माता के पुष्पांजलि अर्पित की गई. अपराह्न बाद में ढाक(ढोल) और गाजे-बाजे के साथ दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए रवाना हुए. देवी प्रतिमा का विजर्सन देवीकुंड सागर में किया गया.
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(Udaipur Kiran) / राजीव
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