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पीएम मोदी, अमित शाह और रविशंकर प्रसाद के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका

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जयपुर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. आरोप लगाया गया है कि इस संशोधन से देश की एकता और अखंडता को खतरा हुआ है तथा धर्म के आधार पर मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव किया गया है.

एडवोकेट पूरणचंद्र सेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदेश बंसल ने मामले की सुनवाई 23 सितंबर को दोपहर 2 बजे निर्धारित की है. अदालत ने याचिकाकर्ता से बार काउंसिल ऑफ Rajasthan की ओर से जारी सनद पेश करने, याचिका की प्रति महाधिवक्ता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को सौंपने और उनसे अदालत की सहायता लेने का निर्देश दिया है. साथ ही, लक्ष्मणगढ़ (अलवर) की न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में दर्ज शिकायत और उस पर हुई कार्रवाई का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करने को कहा है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना और अनुच्छेद 15 के विपरीत है. इस संशोधन से मुस्लिमों के साथ भेदभाव हुआ और देशभर में अराजकता का माहौल पैदा हुआ. कई स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं सामने आईं, लेकिन पुलिस ने या तो एफआईआर दर्ज नहीं की या अधूरी दर्ज की. याचिकाकर्ता ने पुलिस पर लापरवाही और अदालतों पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया है.

एडवोकेट सेन का कहना है कि उन्होंने 12 अक्टूबर 2020 को अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाने में संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एफआईआर दर्ज न होने पर एसपी को आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने लक्ष्मणगढ़ न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में आपराधिक शिकायत पेश की, लेकिन मजिस्ट्रेट ने 21 अक्टूबर 2020 को क्षेत्राधिकार से बाहर बताकर शिकायत खारिज कर दी. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने पर पहले उन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ रिविजन करने के निर्देश दिए गए. ट्रायल कोर्ट ने 20 फरवरी 2025 को रिविजन भी खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि संज्ञेय अपराध की सूचना पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और ट्रायल कोर्ट ने भी कार्रवाई नहीं की.

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