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ब्रिक्स वर्चुअल शिखर सम्मेलनः भारत का यूएन में सुधार और तर्कसंगत व्यापार पर जोर

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नई दिल्ली, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । ब्रिक्स देशों के नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुधारों और देशों के बीच तर्कसंगत व्यापार पर जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि व्यापार को गैर-व्यापारिक मुद्दों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और विकासशील देशों के साथ व्यापार को विशेष और अगल स्थान देना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को खुलेपन, निष्पक्षता, पारदर्शिता, भेदभावरहित रवैया और समावेशिता के अनुरूप बनाए रखना चाहिए। उन्होंने विकासशील देशों के लिए विशेष एवं भिन्न व्यवहार को संरक्षण देने पर जोर दिया। उनके अनुसार विश्व को स्थिर और भरोसेमंद व्यापार और निवेश वातावरण चाहिए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्पादन और विनिर्माण को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना जरूरी है। इससे क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और अनिश्चित परिस्थितियों में आशंकाएं कम होंगी।

जयशंकर ने कहा कि वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए सहयोगी दृष्टिकोण आवश्यक है। अनावश्यक बाधाएं खड़ी करना या व्यापार को गैर-व्यापार मुद्दों से जोड़ना उचित नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिक्स देश आपसी व्यापार प्रवाह की समीक्षा कर पूरी दुनिया के लिए उदाहरण स्थापित कर सकते हैं।

विदेश मंत्री ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कामकाज में हाल के वर्षों में गंभीर कमियां उजागर हुई हैं, जिसने साझा समाधान की प्रक्रिया को बाधित किया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।

विदेश मंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि जलवायु कार्यवाही और जलवायु न्याय को वैश्विक प्राथमिकताओं में पीछे धकेल दिया गया है। उन्होंने दुनियाभर में चल रहे संघर्षों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विशेषकर ग्लोबल साउथ की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि इन संघर्षों ने खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंशिक या चयनात्मक सुरक्षा उपाय वैश्विक संकट का स्थायी समाधान नहीं हो सकते।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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