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कोरबा : एसईसीएल ने पेस्ट फिल टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए 7040 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए

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कोरबा, 18 अप्रैल . कोल इंडिया की आनुषंगिक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने कोयला खनन के लिए पेस्ट फिल टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए टीएमसी मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 7040 करोड़ रुपये के समझौते पर आज बिलासपुर में हस्ताक्षर किए हैं. इस तकनीक के उपयोग से एसईसीएल देश की पहली कोयला पीएसयू बन जाएगी जो पर्यावरण अनुकूल खनन प्रथाओं को अपनाएगी.इस समझौते के तहत एसईसीएल के कोरबा क्षेत्र में स्थित सिंघाली भूमिगत कोयला खदान में पेस्ट फिल तकनीक का उपयोग करके बड़े पैमाने पर कोयला उत्पादन किया जाएगा.

क्या है पेस्ट फिल टेक्नोलॉजी-पेस्ट फिल एक आधुनिक भूमिगत खनन विधि है जिसमें सतह की जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होती है. कोयला निकालने के बाद खाली जगहों को विशेष रूप से तैयार पेस्ट से भरा जाता है, जो फ्लाई ऐश, कुचले हुए ओवरबर्डन, सीमेंट, पानी और बाइंडिंग रसायनों से बनाया जाता है. यह प्रक्रिया जमीन के धंसने से रोकती है और खान की संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करती है.सिंघाली भूमिगत खान को 1989 में 0.24 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के लिए मंजूरी दी गई थी और 1993 में परिचालन शुरू किया गया था. वर्तमान में खान में 8.45 मिलियन टन निकासी योग्य जी-7 ग्रेड गैर-कोकिंग कोयले के भंडार हैं. इस खान में पारंपरिक ढंग से खनन करना संभव नहीं था क्योंकि खदान के ऊपर का सतही क्षेत्र घनी आबादी वाला है – जिसमें गाँव, उच्च-तनाव वाली बिजली की लाइनें और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सड़क है – जिससे सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण पारंपरिक गुफा निर्माण विधियाँ अव्यवहारिक हो जाती हैं.

हरित खनन की दिशा में कदम-7040 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह परियोजना भारत में हरित खनन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम है. एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन ने कहा, मुझे दृढ़ विश्वास है कि पेस्ट फिल तकनीक न केवल भूमिगत खनन के भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि एक नवीन और पर्यावरण अनुकूल समाधान भी प्रदान करेगी. यह परियोजना हरित खनन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आने वाले वर्षों में कोयला उद्योग के भविष्य को आकार देगी.

/ हरीश तिवारी

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