Uttarakhand News : उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा नजदीक है, और इसे लेकर राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देहरादून में आयोजित एक वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। इस बैठक में चारधाम यात्रा के साथ-साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं, और पर्यावरण संरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा उनकी प्राथमिकता है, और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। यात्रा मार्गों पर यातायात प्रबंधन, सड़कों की मरम्मत, और पार्किंग की व्यवस्था को दुरुस्त करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर स्वच्छता और सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए होटल, ढाबों और दुकानों की दरों की नियमित जांच होगी, ताकि ओवररेटिंग की शिकायतें न आएं। स्थानीय घोड़ा-खच्चर संचालकों को प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें।
फेक न्यूज पर सख्त कार्रवाई
आज के डिजिटल युग में फेक न्यूज एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चारधाम यात्रा या अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे आधिकारिक और सटीक जानकारी को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से जनता तक पहुंचाएं। इससे अफवाहों और भ्रम की स्थिति को रोका जा सकेगा।
कानून व्यवस्था और सत्यापन पर विशेष ध्यान
प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने किरायेदारों, ठेली-फड़ वालों, और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के सत्यापन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सत्यापन न कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही, अपात्र लोगों को राशन कार्ड, आधार कार्ड, या अन्य सरकारी सुविधाएं देने वालों पर भी सख्ती बरती जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सत्यापन के लिए विशेष टीमें गठित करने को कहा गया है।
वनाग्नि और स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता
उत्तराखंड में गर्मियों के दौरान वनाग्नि की घटनाएं बढ़ जाती हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता जताते हुए वनाग्नि प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके अलावा, डेंगू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए नियमित फॉगिंग और जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया गया। अस्पतालों में बिजली कटौती न हो और पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो, इसके लिए भी व्यवस्थाएं करने को कहा गया।
कैंचीधाम उत्सव और अन्य तैयारियां
आगामी कैंचीधाम वार्षिकोत्सव को ध्यान में रखते हुए सड़कों की स्थिति बेहतर करने और पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, स्मार्ट मीटर की प्रगति की निगरानी, बिजली बिल की शिकायतों का समाधान, और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि 10 करोड़ रुपये तक के टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को मिलें, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिले।
जनता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को नियमित रूप से कार्यालयों का औचक निरीक्षण करने और तहसील दिवस, बहुद्देशीय शिविरों, और बीडीसी बैठकों को आयोजित करने के निर्देश दिए। इससे जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलाधिकारियों को लक्ष्य दिए गए हैं। इस योजना से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
एक सुगम और सुरक्षित यात्रा का वादा
मुख्यमंत्री के इन सख्त निर्देशों से चारधाम यात्रा की तैयारियां और मजबूत हुई हैं। सरकार का लक्ष्य है कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी आध्यात्मिक यात्रा पूरी करें। सुरक्षा, सुविधा, और स्वच्छता के साथ-साथ स्थानीय लोगों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल यात्रा को सफल बनाएगी, बल्कि प्रदेश की छवि को भी और निखारेगी।
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