Fatty Liver Symptoms : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा एक आम समस्या बन चुका है। वजन घटाने के लिए लोग घंटों भूखे रहते हैं, डाइट प्लान अपनाते हैं, फिर भी शरीर के अंदर छिपी कुछ बीमारियों का अंदाजा नहीं लगा पाते।
इन्हीं में से एक है फैटी लिवर, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
फैटी लिवर क्या होता है?
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जब लिवर की कोशिकाओं में सामान्य से अधिक फैट जमा हो जाता है। यह दो प्रकार का होता है —
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (NAFLD) – जो असंतुलित खानपान, मोटापा, मधुमेह और शारीरिक निष्क्रियता की वजह से होता है।
अल्कोहलिक फैटी लिवर (AFLD) – यह अधिक मात्रा में शराब के सेवन से होता है।
दोनों ही स्थितियों में लिवर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है और अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह लिवर सिरोसिस या फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।
शीशे में कैसे पहचानें फैटी लिवर के संकेत?
अगर आपकी गर्दन के पीछे की त्वचा काली, मखमली और मोटी दिखाई देने लगी है, तो यह सिर्फ एक स्किन प्रॉब्लम नहीं, बल्कि अंदरूनी मेटाबॉलिक असंतुलन का संकेत हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में Acanthosis Nigricans कहा जाता है।
यह स्थिति अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस, मोटापा, और फैटी लिवर से जुड़ी होती है। समय रहते डॉक्टर से जांच करवाना बेहद जरूरी है ताकि कारण का सही पता लगाया जा सके।
फैटी लिवर के अन्य लक्षण
शुरुआती दौर में इस बीमारी के कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन समय के साथ कुछ सामान्य संकेत नज़र आने लगते हैं —
- जल्दी थकान महसूस होना
- पेट के दाईं ओर भारीपन
- भूख में कमी
- पेट फूलना या गैस की समस्या
- एकाग्रता में कमी
अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें।
क्या करें फैटी लिवर से बचने के लिए
फैटी लिवर से बचाव पूरी तरह आपकी जीवनशैली और खानपान पर निर्भर करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक हल्की एक्सरसाइज करें।
जंक फूड, मीठे पेय और तले हुए खाने से परहेज करें। शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन, हरी सब्जियां और फाइबर शामिल हों। समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाते रहें।
डॉक्टर की सलाह और नियमित जांच के साथ लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
फैटी लिवर शुरुआत में भले ही कोई दर्द या परेशानी न दिखाए, लेकिन यह अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचाता है। अगर आप शीशे में अपनी त्वचा या शरीर में छोटे-छोटे बदलाव देख रहे हैं, तो उसे नजरअंदाज न करें।
समय रहते पहचान और सही इलाज से आप इस बीमारी को पूरी तरह काबू में रख सकते हैं।
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