गुजरात और मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। IMD के मुताबिक, गुजरात में 4 से 7 सितंबर तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है, जिसमें कुछ जगहों पर बेहद तेज बारिश हो सकती है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी 4 और 5 सितंबर को भारी बारिश का अनुमान है। यह अलर्ट ऐसे समय आया है जब पिछले 24 घंटों में पश्चिमी मध्य प्रदेश में पहले से ही अति भारी बारिश दर्ज की गई है। अगर आप इन इलाकों में रहते हैं, तो सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, इस मौसम अलर्ट पर क्या कहता है IMD और कैसे करें तैयारी।
IMD के रेड अलर्ट पर गाइड: क्या करें, क्या न करें?
IMD ने गुजरात रीजन में 4 से 6 सितंबर और सौराष्ट्र-कच्छ में 6-7 सितंबर तक अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। मध्य प्रदेश में भी कोंकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 4-5 सितंबर को तेज बारिश हो सकती है। ऐसे में, सड़कों पर पानी भरना, अंडरपास बंद होना और विजिबिलिटी कम होना आम बात है। तैयारी के लिए सबसे पहले मौसम अपडेट्स चेक करें। घर में इमरजेंसी किट तैयार रखें, जिसमें पानी, नॉन-पेरिशेबल फूड, फर्स्ट-एड किट, टॉर्च और दवाइयां शामिल हों। अगर आप फ्लड-प्रोन एरिया में हैं, तो ऊंची जगहों पर जाने की प्लानिंग करें। बिजली कटने की स्थिति में पावर बैंक और रेडियो रखें। याद रखें, बारिश के दौरान बाहर न निकलें और ट्रैफिक अलर्ट चेक करें।
पिछले सालों के केस स्टडीज: सीखें इन घटनाओं से
पिछले सालों में गुजरात और मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने काफी तबाही मचाई थी। मिसाल के तौर पर, 2024 में गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिणी हिस्सों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर आईं और कई जिलों में पानी भर गया। मध्य प्रदेश में भी 2024 की बाढ़ में 22 से ज्यादा जिलों में पानीभराव हुआ, जिससे सड़कें बंद हो गईं और इमरजेंसी रेस्पॉन्स की जरूरत पड़ी। एक केस में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में छत से पानी टपकने से हादसा हुआ। इसी तरह, 2023 में गुजरात में भारी बारिश से 14 लोगों की जान गई। इन घटनाओं से सीख ये है कि पहले से तैयारी न करने पर नुकसान ज्यादा होता है। सरकार ने अब NDRF टीमों को तैनात किया है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर अलर्ट रहना जरूरी है।
लोकल कम्युनिटी की तैयारी टिप्स
लोकल कम्युनिटी से मिले टिप्स बारिश के दौरान सबसे काम आते हैं। गुजरात के गांवों में लोग पेड़ों की ब्रांच ट्रिम करके छतों को सुरक्षित रखते हैं। मध्य प्रदेश की कम्युनिटी में लोग फिल्टर्ड पानी स्टोर करते हैं और कच्चा खाना अवॉइड करते हैं। एक टिप है कि बारिश में ट्रैवल करते समय हार्डसाइड सूटकेस यूज करें, जो सामान को गीला होने से बचाए। फ्लेक्सिबल प्लानिंग रखें, जैसे इंडोर एक्टिविटीज चुनें अगर बाहर बारिश हो। किसान फील्ड्स में ड्रेनेज सिस्टम चेक करें और फसलों को सपोर्ट दें। कम्युनिटी लेवल पर, पड़ोसियों से बात करके इमरजेंसी प्लान बनाएं। NDMA की गाइडलाइंस के मुताबिक, फ्लड-प्रोन एरियाज में घरों को ऊंचा बनाएं और मॉनसून से पहले चेकअप कराएं। इन टिप्स से आप न सिर्फ खुद को बल्कि पूरे मोहल्ले को सुरक्षित रख सकते हैं।
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