ठाकुरद्वारा। कोतवाली क्षेत्र के किशनपुर गांवड़ी में 25 जुलाई को हुई गौहत्या की घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी थी। इस मामले में फरार चल रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य और अधिवक्ता ज़रीफ मलिक ने आखिरकार कोतवाली में आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि इस मामले में शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा और कई हिन्दू संगठन ज़रीफ मलिक की गिरफ्तारी की मांग जोर-शोर से कर रहे थे। उनकी मांग थी कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो।
ज़रीफ मलिक का दावा- मैं निर्दोष हूँ
ज़रीफ मलिक ने खुद को बेगुनाह बताते हुए इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश का हिस्सा करार दिया है। उनका कहना है कि कुछ लोग उनकी सामाजिक छवि को खराब करने के लिए उन्हें झूठे केस में फंसा रहे हैं। ज़रीफ का दावा है कि घटना के समय वह अपने स्कूल में मौजूद थे और इसके सबूत के तौर पर उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी अधिकारियों को सौंप दी है। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कानून का सम्मान किया है और इसी वजह से मैंने आत्मसमर्पण किया। मुझे पूरा भरोसा है कि कोर्ट से मुझे इंसाफ मिलेगा।”
कानून पर भरोसा, कोर्ट से उम्मीद
ज़रीफ मलिक ने कानून पर पूरा भरोसा जताया है। उनका कहना है कि वह एक सामाजिक व्यक्ति हैं और समाज के लिए काम करते आए हैं। इस मामले में उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह सच के साथ खड़े हैं। ज़रीफ ने कहा कि वह कोर्ट में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे और उन्हें न्याय मिलेगा। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा बटोरी है और अब सबकी नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।
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