नई दिल्ली: जमीन पर संगठन की मजबूती के तहत कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों को सशक्त करने, उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी बढ़ाने की जो कवायद शुरू की है, उस दिशा में गुरुवार की शाम कई राज्यों के जिलाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संबोधित किया।इस बैठक में कांग्रेस लीडरशिप ने तमाम जिला अध्यक्षों से कहा कि पार्टी आपको काफी ताकत देने जा रही है। बढ़ी हुई ताकत के साथ उन पर जिम्मेदारियां और जवाबदेही भी बढ़ने जा रही हैं। टॉप लीडरशिप अलग-अलग जिलों में तैनात अपने सेनापतियों से कहा कि नई ताकत और नई जिम्मेदारी के बीच उनकी परफॉर्मेंस का आकलन भी किया जाएगा। इन राज्यों के जिलाध्यक्ष हुए शामिलगुरुवार को हुई दूसरे चरण की बैठक में महाराष्ट्र, मुंबई, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और चंडीगढ़ जैसे राज्यों, क्षेत्रों और केंद्रशासित प्रदेश के जिला अध्यक्षों ने भाग लिया। यह जानकारी कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दी। खेड़ा ने बताया कि बैठक में जहां कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल जैसे नेताओं ने संबोधित किया तो वहीं बैठक में हर राज्य के एक से दो प्रतिनिधियों के सुझाव और विचार भी सुने गए। जिम्मेदारियों का रखा गया रोडमैपउनके सवाल लिए इस दौरान छह प्रजेंटेशन के जरिए इनके सामने आगामी जिम्मेदारियों का रोडमैप रखा गया। इनमें मीडिया, सोशल मीडिया, कांग्रेस की संपत्ति, आर्थिक सशक्तिकरण, संगठन की संरचना और उसकी मजबूती से जुड़ा रोडमैप और जिलाध्यक्षों के कामकाज की समीक्षा, आकलन से जुड़ा प्रेजेंटेशन शामिल है। प्रदर्शन पर जोर, कैसे होगा आकलनइस प्रेजेंटेशन में बताया गया कि जिलाध्यक्षों का परफॉर्मेंस का आकलन किस तरह से होगा। इसमें वोटर लिस्ट पर बारीक नजर से लेकर केंद्रीय कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस की तरफ से आने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों में उनकी मौजूदगी और उनके परफॉर्मेंस का मूल्यांकन भी किया जाएगा। इन्हें बताया गया कि इन जिला अध्यक्षों की परफॉर्मेंस का एक अहम हिस्सा विभिन्न चुनावों के दौरान उनके जिले की वोटिंग प्रतिशत भी बनेगा। जहां देखा जाएगा कि उनके जिले में वोट प्रतिशत कितना बड़ा या कितना घटा। जिलाध्यक्ष का भविष्य होगा तयइन तमाम चीजों के आधार पर जिला अध्यक्ष का आगामी कैरियर और भविष्य तय किया जाएगा। बैठक में जिलाध्यक्षों से कहा गया कि न सिर्फ आर्थिक शक्तियों के साथ-साथ, राजनीतिक नियुक्तियां में उनकी भूमिका बढ़ेगी, बल्कि विभिन्न चुनावों में उम्मीदवार के चयन या टिकट निर्धारण से जुड़ी बैठकों में उनकी सहभागिता बढ़ेगी। पवन खेड़ा ने बताया बैठक में क्या हुए फैसलेपवन खेड़ा का कहना था कि इन बैठकों से जो भी सुझाव, विचार या राय निकल कर सामने आ रहे हैं, उन्हें अगले हफ्ते गुजरात के अहमदाबाद में होने वाले दो दिवसीय कांग्रेस अधिवेशन में चर्चा के लिए रखा जाएगा। इस सिलसिले में आखिरी और तीसरी बैठक शुक्रवार शाम होगी, जहां बचे हुए राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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